सात वर्षों से लंबित निलज-कारधा राष्ट्रीय महामार्ग निर्माण कार्य पर सांसद डॉ. प्रशांत पडोळे ने जताई गहरी चिंता
बुधवार, 6 अगस्त 2025
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केंद्रीय एजेंसियों एवं वन विभाग को शीघ्र अनुमति देने हेतु पत्र सौंपा
नरेंद्र मेश्राम
"साप्ताहिक जनता की आवाज"
भंडारा :- गोंदिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. प्रशांत यादवरावजी पडोळे ने आज सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री के अपर निजी सचिव श्री प्रशांत द्विवेदी से नई दिल्ली में भेंट कर, निलज से कारधा तक के राष्ट्रीय महामार्ग निर्माण कार्य में हो रही गंभीर देरी और क्षेत्रीय नागरिकों को हो रही परेशानियों के संदर्भ में एक औपचारिक पत्र सौंपा।
यह राष्ट्रीय महामार्ग लगभग 45 किलोमीटर लंबा है और इसे समृद्धि महामार्ग से जोड़ने वाला एक महत्त्वपूर्ण मार्ग माना जाता है। वर्ष 2018 में इसकी निर्माण प्रक्रिया आरंभ हुई थी, लेकिन आज तक केवल 80% कार्य ही पूर्ण हो पाया है। शेष कार्य, विशेषकर वाकेश्वर से नेरला के बीच के 6 किमी संकरे मार्ग का चौड़ीकरण न होने के कारण आए दिन गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें कई नागरिकों की मृत्यु हो चुकी है तथा अनेक लोग स्थायी रूप से घायल हुए हैं।
सांसद डॉ. पडोळे ने यह भी कहा कि जिन हिस्सों में निर्माण कार्य हुआ है, वहां भी तकनीकी गुणवत्ता की भारी कमी है – सड़कों में दरारें आ चुकी हैं और मरम्मत कार्य अधूरा है। रात्रि के समय यह मार्ग अत्यंत असुरक्षित हो गया है।
सांसद द्वारा यह भी बताया गया कि कारधा से अड्याळ तक का हिस्सा घने जंगल क्षेत्र से होकर जाता है, जहाँ निर्माण एजेंसी द्वारा दो वर्ष पूर्व वन विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन आज तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो पाया है। साथ ही, केंद्रीय वन्यजीव मंडल के स्तर पर भी मंजूरी प्रक्रिया रुकी हुई है, जिसके कारण निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप हो चुका है।
इस मार्ग पर यात्रियों के लिए कोई मूलभूत सुविधा, जैसे कि शेड या विश्राम स्थल भी उपलब्ध नहीं है, जिससे लोगों को भारी असुविधा होती है।
डॉ. पडोळे ने मांग की कि:
वन विभाग एवं केंद्रीय एजेंसियों को निर्देशित कर शीघ्र अनुमति दिलाई जाए,
मार्ग की गुणवत्ता की स्वतंत्र समीक्षा कराई जाए,
निर्माण एजेंसी को जवाबदेह ठहराया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मार्ग सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक गति का मार्ग है, जिसे और विलंबित करना जनता के साथ अन्याय है।
सांसद ने कहा,
"मैं इस पत्र के माध्यम से भंडारा जिले की जनता की पीड़ा और अपेक्षा को भारत सरकार तक पहुँचा रहा हूँ। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार इस दिशा में शीघ्र और ठोस निर्णय लेगी।"
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